डबवाली। कोरोना महामारी ने तो धीरे-धीरे अपना असर कम करना शुरू कर दिया. लेकिन दिन-ब-दिन ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना संकट के बीच डायबिटीज वाले मरीजों पर ब्लैक फंगस ज्यादा कहर बरपा रहा है. ब्लैक फंगस खुद एक खतरनाक बीमारी तो है ही साथ ही इसके साथ इलाज में लगने वाला खर्चा भी मरीजों पर दोहरी मार करता है. आम आदमी इसके इलाज के लिए इतनी मोटी रकम का इंतजाम नहीं कर सकता. लेकिन अच्छी बात यह है कि ऐसे लोगों के इलाज के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज किसी संजीवनी बूटी से कम साबित नहीं हो रहा है.
घटना डबवाली के गांव शेरगढ़ की है जहां 73 वर्षीय राधे राम गोदारा ब्लैक फंगस से ग्रसित था. डॉक्टरों ने उन्हें ऑपरेशन करवाने की सलाह दी, जिसके लिए 16 लाख रुपए फीस बताई गई. यह रकम उनके लिए बहुत बड़ी थी तभी उन्हें पता चला कि हरियाणा सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए तीन सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें से एक अग्रोहा मेडिकल कॉलेज भी है उसके बाद वह इलाज के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज गए.
जहां पर राधे राम का पूरा उपचार भी किया गया और वह भी केवल 1 लाख 50 हजार के अंदर. राधे राम के बेटे सुरेश ने बताया कि दवाओं के खर्च के अलावा उनका और कोई भी खर्चा नहीं लगा. फिलहाल राधे राम ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं.