चंडीगढ़ । सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को एक पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने आग्रह किया कि कोविड महामारी से होने वाली मौतों का कारण 5G टेस्टिंग है-इस तरीके की अफवाहों पर विराम लगाया जाए. उन्होंने पत्र में लिखा कि कुछ शरारती तत्व ऐसी भ्रामक अफवाह फैला रहे हैं कि कोरोना से होने वाली मौतें और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं 5G टावरों की टेस्टिंग के कारण हो रही हैं.
सीओएआई द्वारा हरियाणा के गृह मंत्री को लिखे गए पत्र में अनुरोध किया गया है कि इस तरीके की अफवाह मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रही हैं. खासतौर पर हरियाणा राज्य में इस तरीके की गलत सूचनाएं बड़ी तेजी से फैल रही हैं. ऐसी बहुत सी घटनाएं भी सुनने को मिल रही हैं कि किसान समूह के द्वारा 5G टेस्टिंग का विरोध किया जा रहा है, क्योंकि किसान भी कोविड महामारी को 5G सेवाओं से जोड़ने की अफवाहों को सही मान रहे हैं.
आगे उन्होंने पत्र में लिखा कि एक उद्योग संघ होने के नाते वह आपको यह बताना चाहते हैं कि इस तरीके की भ्रामक जानकारियां जो फैलाई जा रही हैं-इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, जो यह सिद्ध करें कि 5G सेवाओं के कारण ही कोरोना महामारी के मामले बढ़ रहे हैं. पत्र में यह लिखा गया कि डब्ल्यूएचओ और इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन-आयोनिजिंग रेडिएशन प्रोटक्शन सहित अनेक अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने ऐसे झूठी अफवाह को खारिज किया है.
पत्र में बताया गया कि कोरोना महामारी उन देशों में भी है, जहां पर 5G नेटवर्क नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना है कि यह वायरस रेडियो तरंगों या मोबाइल नेटवर्क पर नहीं ठहर सकता. डीओटी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में भी यह बताया गया है कि 5G तकनीक को कोरोनावायरस से जोड़कर देखने वाले दावों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. उसमें यह भी बताया गया कि भारत में अभी तक कहीं भी 5G की टेस्टिंग शुरू ही नहीं हुई है. अतः सीओएआई ने हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से टेलीकॉम इन्फ्राट्रक्चर को सुरक्षा प्रदान करने और इस तरीके की गलत अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया.