जींद । हरियाणा के जींद के गांव रजाना कलां में बुढ़ापा पेंशन में बड़ी धांधली का पर्दाफाश हुआ है. 57 लोग ऐसे थे जो फर्ज़ी दस्तावेजों के आधार पर बुढ़ापा पेंशन लिए जा रहे थे. इससे सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा था. पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस ने सभी 57 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. इस मामले में भिवानी के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने जांच रिपोर्ट सौपी. जिसके आधार पर उक्त लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने सभी 57 लोगों के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े का सहारा लेने समेत अनेक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है.
सरकार को दी गई थी शिकायत
गौरतलब है कि रजाना कलां निवासी व्यक्ति दलवीर ने सरकार को शिकायत की थी. दलबीर ने अपनी शिकायत में कहा था कि गांव में 74 व्यक्ति फर्जी बुढ़ापा पेंशन ले रहे हैं. उसने अपनी शिकायत में कहा कि ये सभी व्यक्ति साल 2017 से इस तरीके से सरकार को चूना लगा रहे हैं. उसने ये शिकायत जिला स्तर के अधिकारियों को की. लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई.
आखिरकार सरकार ने उसकी शिकायत पर संज्ञान लिया और भिवानी के समाज कल्याण विभाग को जांच सौंपी. समाज कल्याण अधिकारी कृष्ण कुमार ने अपनी पड़ताल के दौरान देखा कि 17 लोग ही सही तरीके से बुढ़ापा पेंशन ले रहे थे. उन्होंने पाया कि बाकी 57 व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे थे और फर्जी बुढ़ापा पेंशन ले रहे थे. इन सभी 57 व्यक्तियों ने उम्र के प्रमाण पत्र के रूप में अपने बच्चों के स्कूल प्रमाण पत्र जमा करवा रखे थे.
जांच करने पर यह भी पाया गया कि इन लोगों ने जो बच्चों के प्रमाण पत्र जमा करवाए थे, उन पर फर्जी स्कूल मुखिया की मुहर लगाई गई थी. इस प्रकार से फर्जी बुढ़ापा पेंशन लेने वाले लोगों के साथ सीएससी संचालकों की भी मिलीभगत पाई गई. जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों के दस्तावेजों में कमियां पाई गई हैं उन सभी की पेंशन को रोक दिया गया है तथा साथ ही उन्हें रिकवरी के नोटिस भी भेज दिए गए हैं.