जींद । कोविड-19 इलाज के लिए अधिकृत किए गए रोहतक रोड के बालाजी अस्पताल का भौतिक निरीक्षण करने के लिए सीएमओ ने 24 अप्रैल को पत्र लिखा था. जिसमें डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश भोला तथा डॉ संदीप लोहान को नियुक्त किया गया था. पत्र में लिखा था कि बालाजी अस्पताल का भौतिक निरीक्षण करके यह देखा जाए कि अस्पताल में कोरोना के नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं. बता दे कि 24 अप्रैल को लिखा हुआ यह पत्र मई महीने के अंत में ड्यूटी लगाए गए चिकित्सकों के पास पहुंचा है. यह पत्र डाक द्वारा नहीं बल्कि विभागीय कर्मचारियों के हाथ से दोनों अधिकारियों को भेजा गया है.
24 अप्रैल को लिखा हुआ पत्र मई महीने के लास्ट में पहुंचा
बता दें कि सामान्य अस्पताल सीएमओ कार्यालय से दोनों वरिष्ठ चिकित्सकों के कार्यालय महज 500 मीटर की दूरी पर है. पत्र में भेजने की तिथि 24 अप्रैल लिखी गई है तथा सीएमओ ने भी हस्ताक्षर कर 24 अप्रैल की ही तारीख डाली हुई है. बालाजी अस्पताल के भौतिक निरीक्षण को लेकर स्वास्थ्य विभाग उस समय जागा, जब ओवर चार्जिंग के मामले में भांडा फूट चुका है. बता दें कि खाना पूर्ति के लिए 2 चिकित्सकों की ड्यूटी भौतिक निरीक्षण के लिए लगा दी गई. उस समय जब कोरोना पाव समेट रहा है और बालाजी अस्पताल में इक्का-दुक्का मरीज उपचाराधीन है. जिला प्रशासन ने कोविड-19 इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग से सलाह मशवरा कर कुछ निजी अस्पतालों को अधिकृत किया था.
साथ ही इलाज के लिए रेट भी निर्धारित किए गए थे. वहीं निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर बोलियां लगी. यहां तक की क्षमता से ज्यादा मरीज भी निजी अस्पतालों में रखे गए और मुंह मांगी कीमत पर मरीजों का इलाज किया गया. जिला स्वास्थ्य विभाग ने भौतिक निरीक्षण के पत्र चिकित्सा अधिकारियों के पास उसमें भेजा. तब तक निजी अस्पतालों में ओवरचार्जिंग के मामले पहले ही सामने आ चुके हैं. कोरोना संक्रमण तथा निजी अस्पतालों में कोविड-19 इलाज को लेकर अब उन अस्पतालों का निरीक्षण करना बहुत बड़ा सवाल है. वहीं सीएमओ डॉ मंजीत सिंह ने बताया कि दोनों चिकित्सा अधिकारियों को हाल ही में पत्र जारी किए गए हैं. जब उनसे पत्र में लिखी तारीख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने तारीख नहीं देखी.